Everything about Shiv chaisa
Everything about Shiv chaisa
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
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महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
Devotees who chant these verses with rigorous adore develop into prosperous from the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to have little ones, have their wishes fulfilled soon after partaking of Shiva-Prasad with religion and devotion.
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
O Superb Lord, consort of Parvati That you are most merciful. You usually bless the poor and pious devotees. Your attractive kind is adorned with the moon on your own forehead and in your ears are earrings of snakes’ Hood.
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
मात-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण Shiv chaisa ॥